27 सितंबर 2025 का पंचांग: जितिया व्रत, कालाष्टमी, शुभ मुहूर्त और राहु काल की पूरी जानकारी

0
935
27 september - aaj ka panchang

क्या आप 27 सितंबर 2025 को अपने दिन की शुरुआत शुभ मुहूर्त और पंचांग के अनुसार करना चाहते हैं? आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) आपके लिए हिंदू कैलेंडर के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आया है, जिसमें जितिया व्रत पारण, कालाष्टमी का प्रभाव, शुभ मुहूर्त, राहु काल, और अन्य ज्योतिषीय विवरण शामिल हैं। यह लेख SEO-अनुकूलित है, जो Google पर रैंक करने और अधिक क्लिक्स प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है। आइए जानते हैं 27 सितंबर 2025 का विस्तृत पंचांग!

पंचांग क्या है?

पंचांग हिंदू ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो तिथि, नक्षत्र, योग, करण, और वार जैसे पांच अंगों पर आधारित होता है। यह शुभ कार्यों, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, और पूजा के लिए सही समय निर्धारित करने में मदद करता है। 27 सितंबर 2025 के पंचांग में जितिया व्रत पारण और मासिक कालाष्टमी का विशेष महत्व है, जो संतान कल्याण और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा के लिए शुभ हैं।


27 सितंबर 2025 का पंचांग: महत्वपूर्ण विवरण

तिथि और वार

  • तिथि: पंचमी (शुक्ल पक्ष) सुबह 12:05 PM तक, उसके बाद षष्ठी।
  • वार: शनिवार
  • पक्ष: शुक्ल पक्ष
  • मास: आश्विन (पूर्णिमांत)

सूर्योदय और सूर्यास्त

  • सूर्योदय: सुबह 05:48 AM (वाराणसी/उज्जैन के आधार पर)।
  • सूर्यास्त: शाम 05:49 PM।

चंद्रोदय और चंद्रास्त

  • चंद्रोदय: सुबह 10:28 AM।
  • चंद्रास्त: रात में (अगले दिन सुबह तक)।

नक्षत्र, योग, और करण

  • नक्षत्र: अनुराधा (सुबह 01:09 AM तक), उसके बाद ज्येष्ठा।
  • योग: प्रीति (रात 11:46 PM तक), उसके बाद आयुष्मान योग।
  • करण: बालव (दोपहर 12:03 PM तक), उसके बाद कौलव।

जितिया व्रत पारण: महत्व और समय

जितिया व्रत (जीवित्पुत्रिका व्रत) आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी (14 सितंबर 2025) को रखा गया था, लेकिन इसका पारण (व्रत तोड़ना) 27 सितंबर 2025 को शुक्ल पक्ष पंचमी पर किया जाता है। यह व्रत संतान की रक्षा, दीर्घायु, और कल्याण के लिए रखा जाता है। पौराणिक कथा राजा जिमूतवाहन, गरुड़ और शंखचूड़ नाग से जुड़ी है, जहां राजा ने अपनी जान देकर संतान की रक्षा की थी। माताएं निर्जला उपवास रखकर भगवान विष्णु और माता जगदंबा की पूजा करती हैं।

पारण समय और विधि

  • पारण समय: 27 सितंबर को सूर्योदय के बाद (सुबह 05:48 AM से दोपहर 12:05 PM तक), पंचमी तिथि समाप्त होने से पहले।
  • विधि:
    1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
    2. भगवान विष्णु की पूजा करें, तुलसी पत्र और फल अर्पित करें।
    3. सात्विक भोजन (फलाहार या सादा नाश्ता) ग्रहण करें।
    4. संतान कल्याण की प्रार्थना करें।
    5. दान: अन्न, फल या वस्त्र जरूरतमंदों को दें।

व्रत के नियम

  • पारण के बाद सात्विक भोजन करें।
  • नकारात्मक विचारों से दूर रहें।

कालाष्टमी: महत्व और पूजा

मासिक कालाष्टमी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी (14 सितंबर 2025) को मनाई गई, लेकिन इसका प्रभाव और पूजा का अवसर 27 सितंबर को भी जारी रहता है। यह व्रत भगवान भैरव (शिव का उग्र रूप) की पूजा का दिन है, जो भय, रोग, और विपत्तियों से मुक्ति प्रदान करता है। सबसे महत्वपूर्ण कालाष्टमी मार्गशीर्ष में होती है, लेकिन मासिक कालाष्टमी भी शुभ फल देती है। यह व्रत साधकों को मनोवांछित फल प्रदान करता है।

पूजा विधि

  1. स्नान और शुद्धि: सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र (काला या नीला) पहनें।
  2. पूजा स्थल: भगवान भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. सामग्री: सरसों का तेल, काले तिल, उड़द की दाल, और काला कपड़ा चढ़ाएं।
  4. मंत्र: “ॐ भैरवाय नमः” का जाप करें (108 बार)।
  5. कथा: कालाष्टमी कथा सुनें, जिसमें भैरव की उत्पत्ति और शिव भक्ति की कहानी है।
  6. आरती: भगवान भैरव की आरती उतारें और भोग (उड़द दाल की खिचड़ी) लगाएं।
  7. दान: काले कुत्ते को भोजन दान करें (भैरव का वाहन)।

व्रत के नियम

  • फलाहार या निर्जला व्रत रखें।
  • रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन करें।
  • तामसिक भोजन से परहेज।

शुभ मुहूर्त: कार्य शुरू करने का सही समय

27 सितंबर 2025 को विभिन्न कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं (शुक्ल पक्ष में अधिक शुभ):

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:52 AM से 12:42 PM।
  • विवाह मुहूर्त: दोपहर 12:00 PM से 01:30 PM (शुक्ल पक्ष में उपलब्ध)।
  • गृह प्रवेश: सुबह 06:00 AM से 08:00 AM।
  • वाहन खरीदारी: सुबह 08:15 AM से 10:30 AM।
  • नामकरण/मुंडन: दोपहर 12:10 PM से 02:10 PM।

नोट: शुभ मुहूर्त में कार्य शुरू करने से पहले अपने ज्योतिषी से सलाह लें।


राहु काल: अशुभ समय से बचें

राहु काल वह समय होता है जब कोई भी शुभ कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। 27 सितंबर 2025 का राहु काल (शनिवार के लिए):

  • समय: दोपहर 09:00 AM से 10:30 AM।
  • सुझाव: इस दौरान यात्रा, नए कार्य, या महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें।

अन्य अशुभ काल:

  • यमगंड: दोपहर 03:00 PM से 04:30 PM।
  • गुलिक काल: सुबह 06:00 AM से 07:30 AM।

अन्य ज्योतिषीय जानकारी

  • चंद्र राशि: वृश्चिक (सुबह 01:09 AM तक, उसके बाद धनु)।
  • सूर्य राशि: कन्या।
  • विशेष: जितिया पारण और कालाष्टमी प्रभाव से संतान कल्याण और भैरव भक्ति का विशेष लाभ। पितृपक्ष समाप्ति के बाद शुभ कार्यों के लिए अनुकूल।

27 सितंबर 2025 को क्या करें और क्या न करें?

क्या करें?

  • जितिया व्रत का पारण करें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • कालाष्टमी प्रभाव में भगवान भैरव को तेल चढ़ाएं।
  • शुभ मुहूर्त में महत्वपूर्ण कार्य शुरू करें।
  • दान-पुण्य और परिवार के साथ समय बिताएं।

क्या न करें?

  • राहु काल में कोई शुभ कार्य शुरू न करें।
  • तामसिक भोजन और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
  • बिना ज्योतिषीय सलाह के बड़े निर्णय लेने से बचें।

निष्कर्ष

27 सितंबर 2025 का पंचांग आपके दिन को शुभ और सफल बनाने में मदद करेगा। जितिया व्रत पारण और कालाष्टमी प्रभाव संतान कल्याण और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने में सहायक होंगे। शुभ मुहूर्त का पालन करके आप अपने कार्यों को और फलदायी बना सकते हैं। इस दिन को और खास बनाने के लिए भगवान विष्णु और भैरव की भक्ति में लीन हों!

अधिक ज्योतिषीय जानकारी और दैनिक पंचांग के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। अपने दिन को शुभ बनाएं और Google पर नवीनतम अपडेट्स के लिए हमारे लेख को शेयर करें!