
मूल पंचांग विवरण
| अंग | विवरण |
|---|---|
| तिथि | शुक्ल षष्ठी (रात 08:58 PM तक), उसके बाद सप्तमी |
| वार | शनिवार |
| नक्षत्र | अश्विनी (दोपहर 01:05 PM तक), उसके बाद भरणी |
| योग | अतिगण्ड (शाम 05:12 PM तक), उसके बाद सुकर्मा |
| करण | कौलव (सुबह 08:15 AM तक), तैतिल (शाम 06:42 PM तक), गर (रात 08:58 PM तक) |
| पक्ष | शुक्ल पक्ष |
| मास | मार्गशीर्ष |
| ऋतु | हेमन्त |
| सूर्य राशि | वृश्चिक |
| चन्द्र राशि | मेष (पूरे दिन) |
समय (दिल्ली आधारित)
- सूर्योदय : सुबह 07:00 AM
- सूर्यास्त : शाम 05:24 PM
- चन्द्रोदय : सुबह 11:20 AM
- चन्द्रास्त : रात 10:55 PM
शुभ मुहूर्त (6 दिसंबर 2025)
| मुहूर्त | समय |
|---|---|
| अभिजीत मुहूर्त | 11:49 AM – 12:32 PM |
| ब्रह्म मुहूर्त | 05:02 AM – 05:50 AM |
| विजय मुहूर्त | 01:55 PM – 02:38 PM |
| गोधूलि मुहूर्त | 05:14 PM – 05:40 PM |
| अमृत काल | रात 11:38 PM – 01:20 AM (अगले दिन) |
| सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 07:00 AM से दोपहर 01:05 PM तक (अश्विनी + शनिवार) – अति शुभ |
विशेष: सर्वार्थ सिद्धि योग + शुक्ल षष्ठी होने से विवाह, गृह-प्रवेश, वाहन-भूमि खरीद, नया व्यापार, नामकरण, मुंडन, दीक्षा जैसे सभी मांगलिक एवं शुभ कार्य अत्यंत फलदायी हैं।
अशुभ काल (शुभ कार्य वर्जित)
| काल | समय |
|---|---|
| राहु काल | सुबह 09:42 AM – 11:03 AM |
| यमगंड | दोपहर 01:45 PM – 03:06 PM |
| गुलिक काल | सुबह 07:00 AM – 08:21 AM |
| दुष्टमुहूर्त | 11:35 AM – 12:20 PM |
विशेष योग एवं व्रत-त्योहार
- मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी – स्कंद षष्ठी / चंपा षष्ठी
- सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह से दोपहर 01:05 PM तक – सभी कार्य सिद्ध होते हैं
- अश्विनी नक्षत्र + शनिवार – भैरव जी एवं शनि देव की पूजा विशेष फलदायी
- कार्तिकेय (स्कंद) जी का पूजन, व्रत और कथा श्रवण का दिन
आज क्या करें – क्या न करें
करें
- सुबह अश्विनी नक्षत्र में स्कंद षष्ठी व्रत रखें
- कार्तिकेय जी को लाल फूल, दूध, केला, गुड़ चढ़ाएं
- भैरव जी को सरसों का तेल, उड़द की दाल, काले तिल चढ़ाएं
- नए कार्य, खरीदारी, यात्रा आज शुरू करें
- “ॐ षण्मुखाय नमः” या “ॐ भैरवाय नमः” का 1 माला जाप करें
न करें
- राहु काल (09:42 AM – 11:03 AM) में कोई शुभ कार्य शुरू न करें
- काले कपड़े पहनने से बचें
- मांस-मदिरा का सेवन वर्जित
आपका 6 दिसंबर 2025 का दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ अत्यंत शुभ, विजयी और मंगलमय हो! ॐ स्कंदाय नमः 🕉️ ॐ भैरवाय नमः 🐕